Vipin Bansal

Add To collaction

कविता = ( यह दुनियाँ है बाज़ार )

🌟 कविता = ( यह दुनियाँ है बाज़ार ) 

यह दुनियाँ है बाज़ार ! 
यह दुनियाँ है बाज़ार !! 
यहाँ बाप बड़ा न भईया ! 
यहाँ सबसे बड़ा रूपइया !! 
बस पैसे की भाषा !
जाने यह संसार !! 
यह दुनियाँ है बाज़ार ! 
यह दुनियाँ है बाज़ार !! 

यहाँ पैसा ही सब कुछ ! 
यहाँ पैसा ही भगवान !! 
यहाँ आहें भी बेकार ! 
यहाँ आँसू भी बेकार !! 
इस पैसे के आगे ! 
ममता गई है हार !! 
यह दुनियाँ है बाज़ार ! 
यह दुनियाँ है बाज़ार !! 

अंधी दौड़ में दौड़ रहा ! 
यहाँ देखो संसार !! 
यहाँ ख़ालिस कुछ नहीं ! 
सब नक़ली है सामान !! 
दिखावे की राह चली ! 
देखो भीड़ अपार !!
यह दुनियाँ है बाज़ार ! 
यह दुनियाँ है बाज़ार !! 

इच्छाओं का क़द बड़ा ! 
रोग हुआ विकराल !! 
इच्छाओं की दरार पड़ी !
टूटे घर परिवार !!  
रिश्तों की मत बात करो !
यहाँ रिश्ते भी व्यापार !! 
यह दुनियाँ है बाज़ार !
यह दुनियाँ है बाज़ार !! 

इच्छाएँ जब-जब बड़ी ! 
हुआ घोर विनाश !! 
कुरुक्षेत्र तक ले आई ! 
यह इच्छाओं की प्यास !! 
फिर से वही विनाश ! 
इच्छाएँ बैठी द्वार !! 
यह दुनियाँ है बाज़ार ! 
यह दुनियाँ है बाज़ार !! 

विपिन बंसल

   19
5 Comments

Milind salve

01-Aug-2023 07:46 AM

V nice

Reply

बहुत ही सुंदर और बेहतरीन अभिव्यक्ति

Reply

Gunjan Kamal

31-Jul-2023 05:46 AM

👌👏

Reply